हिमाचल प्रदेश की जल विद्युत परियोजनाएं
Last updated : 16/01/2023
(A) पूर्ण परियोजनाएँ
1. हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड की परियोजनाएँ-
(1) गिरी परियोजना 60 मेगावार/गिरी नदी/ सिरमौर। 1964
में बननी शुरू हुई। 1966 में बन कर तैयार हिमाचल
प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई सबसे पहली परियोजना।
(ii) बस्सी परियोजना 60 मेगावाट/व्यास नदी/ मण्डी।
(iii)भाभा (संजय गांधी) जलविद्युत परियोजना- 120
मेगावाट/भाभा खण्ड सतलुजे की सहायक ना/किन्नौर
जिला/1989 में पूर्ण हुई। यह एशिया की पहली भूमिगत
जलविद्युत परियोजना है।
(iv) थिरोंट परियोजना-4.50 मेगावाट/थिरोट नाला चिनाव
की सहायक नदी/ जिला लाहौल स्पीति।
(v) आधा परियोजना-16.95 मेगावाट/शिमला जिला
चीडगांव/ आधा नदी (पब्बर की सहायक नदी पर बनी)
।
(vi) बनरे परियोजना-12 मेगावाट/कांगड़ा जिला/ बनेरखड्ड
पर।
(vii) गज परियोजना-10.25 मेगावाट/कांगड़ा जिला/ गज व
ल्योण खड्ड पर।।
(viii) धानवी परियोजना-22.5 मेगावाट/शिमला (ज्योरी)/धानवी
खड्ड सतलुज की सहायक नही।
(ix) बिनवा परियोजना-6 मेगावाट/बैजनाथ (कांगड़ा)।
वानखड्ड व्यास की सहायक नदी।
(४) गुम्मा परियोजना-3 मेगावाट/मण्डी/ गुम्मा खड्ड।
(xi) होली परियोजना-3 मेगावाट/ भरमौर (चम्बा)। रावी
नदी।
(xii
लारजी परियोजना-126 मेगावाट/कुल्लू/ ब्यास नदी
(हिमाचल सरकार द्वारा निर्मित सबसे बड़ी जल विद्युत
परियोजना)।
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2. निजी क्षेत्र की जलविद्युत परियोजना-
(1) वस्या परियोजना-300 मेगावाट/ किन्नौर। वस्पा सतलुज
की सहायक नदी।
(ii) मलाणा परियोजना-86 मेगावाट/ कुल्लू/ मलाणा खड्ड
ब्यास की सहायक नदी।
3. केन्द्र राज्य के साझेदारी में बनी जल विद्युत परियोजनाएँ-
(i) यमुना परियोजना/131.57 mw / सिरमौर। उत्तरांचल
के सहयोग से यमुना नदी पर बनाई गई है।
(11) चमेरा । परियोजना/540 मेगावाट/ रावी/ चम्बा/ NHPC
द्वारा निर्मित
(iii) चमेरा II परियोजना/300 मेगावाट। रावी नदी/ चम्बा/
NHPC द्वारा निर्मित
(iv) बैरा स्यूल परियोजना/198 मेगावाट/वैरास्यूल खडड् रावी
नदी की सहायक नदी/ चम्बा जिला/ NHPC द्वारा निर्मित।
(v) शानन परियोजना/110 मेगावाट। पंजाब राज्य विद्युत
बोर्ड द्वारा निमिर्तत पंजाब के अधीन है। मण्डी जिले के
जोगिन्द्रनगर में स्थित यह हिमाचल प्रदेश में बनी पहली
जलविद्युत परियोजना है। जो 1932 में ब्यास की सहायक
नदी रीना नदी पर बनी थी जिसे उहल खड्ड भी कहते
हैं।
(vi) पोंग परियोजना/396 मेगावाट/कांगड़ा/ ब्यास नदी/
BBMB (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) द्वारा निर्मित है।
(vii) देहर परियोजना/990 मेगावाट/कांगड़ा/ देहर खड्ड।
BBMB द्वारा निर्मित
(viii) भाखड़ा परियोजना/1325 मेगावाट। बिलासपुर। सतलुज
नदी/ 1963 में बनकर तैयार/ 226 मीटर ऊंचा बांध/
BBMB द्वारा निर्मित।
(ix) नाथपा झाकड़ी परियोजना/1500 मेगावाट/ किन्नौर।
केन्द्र-राज्य की संयुक्त परियोजना जिसे SJVNL सतलुज
जल विद्युत निगम लिमिटेड ने बनाया है। इसे विश्व बैंक
से भी सहयोग मिला है।
(B) प्रगति ( अभी बन रही) जल विद्युत परियोजनाएँ-
1. कंसाग परियोजना/ 243 मेगावाट/किन्नौर जिला/कसांग
खड्ड सतलुज की सहायक नदी।
2. उहल III परियोजना/ 100 मेगावाट/मण्डी जिला/उहल
खड्ड ब्यास की सहायक नदी।
3. स्वार कुडडू परियोजना/111 मेगावाट/ शिमला जिला/
पब्बर नदी की सहायक स्वार कुड्डू पर निर्मित।
4. सोंगटोंग करछम परियोजना/402 मेगावाट/ किन्नौर।
सतलुज नदी।
5.सेंज परियोजना/100 मेगावाट/ कुल्लू/ NHPC द्वारा
निर्मित/ब्यास की सहायक नदी की सेज पर निर्मित।
6.पार्वती परियोजना/2051 मेगावाट (हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना) कुल्लू जिले में/ ब्यास की सहायक नदी पार्वती पर निर्मित NHPC द्वारा बनाई
जा रही है जिसमें 5 राज्यों हिमाचल प्रदेश राजस्थान,
दिल्ली, गुजरात व हरियाणा का सहयोग है। इस परियोजना
में हिमाचल प्रदेश का 15% हिस्सा है। सबसे अधिक
लागत राजस्थान उठा रहा है।
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